shabda-sankalan
Sunday, May 22, 2011
क्या कहूं ..
टेलिविजन पर
मैं
कोई
रास-लीला ..
देख रहा था ..
मैं सोच रहा था ..
कि .. जो मैं
किसी की तरफ देख भी लूं
तो
लोग
मुझे आवारा .. बेशरम .. लपूट .. चरित्रहीन ..
और न जाने .. क्या-क्या
कह देते हैं ..
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