shabda-sankalan
Friday, April 23, 2010
वक्त ..
अंडे का तो / आमलेट बन जाता है / लेकिन / आमलेट को / फिर से अंडा / नहीं बनाया जा सकता / गुजरता / वक्त भी तो / ऐसा ही है / जो / लौट कर / फिर कभी / नहीं आ सकता / मैं सोच रहा था ..
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