Saturday, October 23, 2010
हिन्दी .. भारत की राष्ट्र भाषा है .. विविधता में एकता के लिये .. यह एक जरूरत है ..
मैं पिछले दिनों, भारत में ही, लम्बी यात्रा करके लौटा हूं लेकिन जो मैंने देखा और महसूस किया वह चौंकाने वाला था । जहां मैं हतप्रभ था वहीं मुझे दुख भी हुआ । बढ़ती क्षेत्रियता की भावना को देखकर व जानकर । हम भारत के किसी भी कोने में हों .. यह अहसास बना रहना चाहिये कि, हम भारत में हैं .. अपने ही देश में .. अपनी ही भूमी में .. । मातृभाषा चाहे जो भी हो लेकिन, राष्ट्रभाषा तो हिन्दी है इसे नहीं भूलना चाहिये .. । आपने किसी से हिन्दी में कुछ पूछा और उसने जवाब किसी भी स्थानीय या प्रांतीय भाषा में दिया और जो आपको आती नहीं है .. । आपके किसी व्यवहार से किसी को अनावश्यक तकलीफ नहीं पहूंचे .. यह सोचना भी जरूरी है । इसे समझना और आत्मसात करना जरूरी है .. कि .. हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी है और वह ही सर्वोपरि है । विविधता में एकता के लिये विचारों के आदान-प्रदान के लिये भाषा का एक होना जरूरी है और हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी है .. हमें अपनी राष्ट्रभाषा हिन्दी पर गर्व करना चाहिये .. ।
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