किसी भी अप्रिय स्थिति से दूर भागने का प्रयास करते मैंने कई लोगों को देखा है । अप्रिय का सीधा मतलब है .. ऐसी कोई बात जो नापसंद हो .. या फिर ऐसी कोई बात जो भले ही सही हो लेकिन आप जिसे सुनना पसंद नहीं करते । लेकिन किसी के नहीं सुनने या नहीं सुनाने से, वास्तविकता तो नहीं बदल जाती .. । बात दरअसल यह है कि किसी की भी बात को ध्यान से सुन लेने से - 1. सामने वाली की हौसलाफ़जाई होती है, और 2. आपने उसकी बात ध्यान से सुना इसलिये हो सकता है कि कोई आपके काम की बात आगे भी वह बता जाये .. वरना, आप वंचित हो सकते हैं ऐसी किसी भी सूचना या जानकारी से, जो सही समय पर आपको मिल पाती ।
मैं ब्लाग में, केवल वही बातें लिखना चाहूंगा जो, किसी न किसी रूप में, मेरे इर्द-गिर्द घटी हैं ।
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