shabda-sankalan
Monday, April 16, 2012
मैं सोच रहा था ..
गांव की पगडंडी में एक बैलगाड़ी चली जा रही थी
और .. उसके नीचे एक चार पैर वाला जानवर भी चल रहा था ..
चार पैर वाला वह जानवर सोच रहा था कि जैसे बैलगाड़ी वह खुद चला रहा है ..
वो बता रहे थे ..
मैं सुन रहा था ..
मैं सोच रहा था ..
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