वो कह रहे थे -
किसी के बारे में ..
कि देखो .. वे कितने महान हैं कि जब हमने महान कहते हुए, उनकी तारीफ करने लगे तो नतीजा यह निकला कि वे हमें ही बेवकूफ समझने लगे और फिर वे भूल गये कि वे दरअसल क्या हैं और महान कहने वाले को ही गुस्से से मूर्ख कहकर चुप रहने कह दिया ..
फिर ..
फिर क्या ..
वे महान ..
दरअसल तथाकथित महान व्यक्ति ..
मिलने वाले सम्मान को नहीं बचा पाये और फिर अकेले ही रह गये क्योंकि उनकी तारीफ करने वाले को तो उनने, अपने क्रोध से किनारे कर दिया था ..
मैं सुन रहा था ..
मैं सोच रहा था ..
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