मैं सोच रहा था ..
मैं अखबार पढ़ रहा था .. किसी के पैदा होने की खुशी में मनाए जश्न का समाचार था .. आगे .. अखबार में एक लेख था .. कोशिश करने वाला और हल ढूंढने वाला मन चाहिये .. आगे कहीं नजर पड़ी तो देखा कि लिखा था .. अहकांर और फिर उसकी परिणति .. अखबार के पन्ने को फिर पलटा .. नजर पड़ी .. उस कालम पर .. जहां दिवंगत हुए लोगों की सूचना थी .. मैं अखबार पढ़ रहा था .. मैं सोच रहा था ..
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