a thought ..
प्रतिभा .. रचनात्मकता .. हुनर .. ये सभी छिपे होते हैं .. कभी किसी धर्म के पीछे .. तो कभी किसी संप्रदाय के पीछे .. तो कभी किसी मान्यता की दीवार के पीछे .. तो कभी आर्थिक संकट के बोझ के नीचे .. । यह कहना तो आसान है कि इन्हें निकलना चाहिये और उभारना चाहिये .. लेकिन ऐसा कर पाना शायद कुछ हद तलक ही संभव है .. । इस दिशा में किये गये प्रयास की सफलता के प्रतिशत में जाने से अच्छा होगा कि प्रयास को भी तहे दिल से सराहा जाय .. ।
No comments:
Post a Comment