shabda-sankalan
Saturday, May 12, 2012
ये हकीकत है / कि / मेरे चारो तरफ / जिधर भी नजर घुमाता हूं / महान या अत्यंत महान ही दिखलाई पड़ते हैं / मैं सोच रहा था / कि / सपने में भी / शायद / इसलिये / सभी का स्तुति गान चालू रखता हूं ..
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