Monday, April 16, 2012

मैं सोच रहा था ..

वो कह रहे थे - ज़िंदगी में तरक्की की यदि चाहत है तो शायद याद रखना जरूरी है कि सभी को सदैव परम आदरणीय, प्रातः स्मरणीय,अत्यंत सम्माननीय, अत्यंत विवेकशील, अत्यंत मृदु भाषी, अत्यंत पूजनीय, जैसे शब्द-अलंकरण से अलंकृत किया करो .. मैं सुन रहा था .. मैं सोच रहा था ..

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