shabda-sankalan
Saturday, May 12, 2012
कोई था
जो
कह रहा था
क्या नहीं है
जो
नहीं बिकता ..
मैं सुन रहा था ..
मैं सोच रहा था ..
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment