Friday, July 9, 2010

आक्टोपस और भविष्यवाणियां ..

विश्व कप फुटबाल में स्पेन व निदरलेंड फायनल में पहुंचे है व तीसरे स्थान के लिये जर्मनी व उरूग्वे के बीच मुकाबला होना है । पाल नामक जर्मनी के इस आक्टोपस ने स्पेन के विश्व विजेता होने व जर्मनी के तीसरे स्शान को काबिज कर लेने की भविष्यवाणी की है । फुटबाल को एक कमर्प्रधान खेल की श्रेणी में रखा जा सकता है । भाग्य पर कुछ ज्यादा ही विश्वास करने वाले कुछ लोगों ने आक्टोपस का उपयोग व प्रयोग कर, भाग्य को एक नये आयाम के साथ फुटबाल के साथ जोड़कर एक बार फिर शायद यह जताने की कोशिश की है कि भाग्य ही सवोर्परि है । इस तरह की कोई भी घोषणा खिलाड़ियों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बना सकती है जिसका असर खेल के नतीजों पर भी पड़ सकता है । कभी तो ऐसा भी होता है कि अतिविश्वास किसी भ्रम को पनाह दे देता है जो नाकामयाबी का सबब बन जाता है तो कभी ऐसी घोषणाएं हौसलों को बढ़ा देती हैं और किसी स्तर पर आत्मविश्वास को टूटने से बचा भी लेती हैं । इसलिये ऐसी घोषणाओं का क्या असर होगा यह कह पाना मुश्किल है । किसी अखबार में मैंने पढ़ा कि सिंगापुर के किसी व्यक्ति के पास मणि नाम का कोई तोता है जो भविष्यवाणियां करता है । इस तोते के द्वारा की गई भविष्यवाणि के अनुसार नीदरलेंड 2010 की विश्व विजेता टीम होगी । खैर यह सब तो बहस का मुद्दा है । कुल मिलाकर कर्म ज्यादा महत्वपूर्ण तो है ही । कर्म में निश्चितता है कि आपका परिणाम काफी हद तलक आपके कर्म के सापेक्ष होगा लेकिन भाग्य तो इत्तेफाकन है ।

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