Thursday, October 14, 2010

कल .. आज .. और कल ..

आज ही की तो बात है कि ..
कोई मुझसे कह रहा था - अतीत की तरफ झांकता हूं तो कभी लगता है कि ठीक ही हुआ तो कभी सोच .. वर्तमान पर ही सवालिया निशान उठाने लगती है कि यदि ऐसा होता तो .. तो क्या होता ..
मैंने कहा - अतीत तो अतीत है और वर्तमान एक हकीकत .. अतीत को कुरेदने में, उसका विश्लेषण करने में, वर्तमान को खर्च कर देना .. कहां की बुद्दिमानी है .. जो हुआ .. सो हुआ .. न अच्छा हुआ न बुरा हुआ .. जो हुआ .. सो हुआ .. ।

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