Saturday, March 19, 2011

संवेदनशीलता ..

श्री राहुल सिंह का ब्लाग देखता ही रहता हूं । उनका ब्लाग पढ़ना हमेशा ही अच्छा लगता है । शायद इसलिये भी कि वे हिंदी में लिखते हैं और संस्कृति के प्रति उनकी प्रतिक्रियात्मक संवेदनशीलता की भी मैं प्रशंसा करता हूं । मुझे प्रशंसा करना है .. ये इसलिये नहीं लिख रहा हूं । किसी की भी प्रशंसा करना मेरे लिये न तो बाध्यता है और न ही मजबूरी .. । यदि कोई चीज या कोई कार्य प्रशंसा के योग्य है तो उसकी प्रशसां जरूर किया जाना चाहिये । प्रशंसा करना अथवा बुराई करना या कोई नकारात्मक टिप्पणी करना .. महसूस करने या अनुभूति की .. सक्रिय प्रतिक्रिया है । मैं यह जो लिख रहा हूं वह महसूस करने की बात है और मैं तो वही लिख रहा हूं जो इस वक्त महसूस कर रहा हूं । संवेदनशील होकर भी निष्क्रिय पड़े रहना .. शायद मेरी फितरत नहीं है । फिर अभिव्यक्ति तो प्रकृति प्रदत्त अवयव है । आपकी सहमति या असहमति किसी अभिव्यक्ति के लिये भिन्न हो सकती है .. यह अलग बात है ।

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